किसानों के लिए खुशखबरी सिर्फ 5 रुपए में मिलेगा स्थाई कृषि पंप कनेक्शन जल्द आवेदन करें

किसानों के लिए खुशखबरी : जैसे के आप सभी जानते है देशभर में किसानों को सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन की समस्या से हर रोज जूझना पड़ता है। लेकिन मध्य प्रदेश में इस समस्या के समाधान की योजना तैयार है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के खंभों के पास खेत रखने वाले किसानों को प्राथमिकता के आधार पर स्थायी कृषि पंप कनेक्शन दिए जाएंगे।

आप सभी को पता होगा देश में बड़ी संख्या में किसान सिंचाई के लिए पानी, बिजली, कृषि पंप जैसी समस्याओं से जूझकर फसल उगाते हैं। उनकी सारी ऊर्जा इन व्यवस्थाओं को करने में खर्च हो जाती है। किसान अक्सर सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन न मिलने की शिकायत करते हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किसानों की यह समस्या अब दूर होने जा रही है।

किसानों के लिए खुशखबरी
किसानों के लिए खुशखबरी

किसानों के लिए खुशखबरी

यहां के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अब अपने कार्यक्षेत्र के किसानों को सिर्फ 5 रुपए में स्थाई कृषि पंप कनेक्शन देने जा रही है। बिजली कंपनी के मुताबिक, कृषि पंप कनेक्शनों की संख्या बढ़ाने के लिए बिजली लाइन के नजदीक खेत वाले किसानों को सुविधानुसार आसानी से स्थाई कृषि पंप कनेक्शन दिया जाएगा।

जानिए आवेदन प्रक्रिया कब शुरू होगी

मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नियमों के अनुसार अब ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं द्वारा निम्न दाब (एलटी) पोल से डाली गई सर्विस लाइन में सुरक्षा नियमों की जांच के बाद मात्र 5 रुपए में नया स्थाई कृषि कनेक्शन दिया जाएगा। उपभोक्ताओं के कनेक्शन फॉर्म भरने की प्रक्रिया बिजली कंपनी सरल संयोजन पोर्टल के माध्यम से शुरू की जाएगी। इसमें उपभोक्ता (किसान) के पहले बिल में 1200 रुपए प्रति हॉर्स पावर सुरक्षा निधि जोड़ी जाएगी।

1.25 लाख अस्थायी कनेक्शन की योजना

इससे पहले गुरुवार को सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के विकास के रोडमैप की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करेगी। इसके लिए अगले चार साल में अस्थायी बिजली कनेक्शन वाले 1 लाख 25 हजार किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे। इससे किसान बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनेंगे। सीएम मोहन यादव ने कहा कि अगले पांच साल में सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर की जाएगी। इसके अलावा 10 से ज्यादा गाय पालने वाले पशुपालकों को सब्सिडी दी जाएगी।

बड़ी संख्या में किसान डीजल पंपों पर निर्भर हैं

मालूम हो कि देश में बड़ी संख्या में किसान आज भी बिजली कनेक्शन न होने के कारण डीजल पंप का इस्तेमाल करते हैं, जिससे न सिर्फ प्रदूषण बढ़ता है बल्कि उनकी खेती की लागत भी बढ़ती है, क्योंकि खर्च का एक बड़ा हिस्सा डीजल खरीदने में ही खर्च हो जाता है। वहीं सरकार अब कई जगहों पर सोलर पंप की सुविधा भी दे रही है। ऐसे में जहां बिजली पहुंचना मुश्किल है, वहां सोलर पंप के इस्तेमाल से किसानों के लिए सिंचाई के पानी का इंतजाम हो जाता है। डीजल के मुकाबले सोलर पंप काफी किफायती होते हैं।

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