गन्ने: किसान भाई आपको बता दे की इन किस्मों से किसानों की आय प्रति एकड़ 31 से 38 हजार रुपये तक बढ़ेगी। अभी गन्ने की सामान्य किस्म से प्रति एकड़ 350 क्विंटल उपज मिल रही है।
कम पैदावार और लाल सड़न रोग के कारण प्रदेश में किसानों का गन्ने की खेती से मोह भंग हो रहा है। पिछले ढाई दशक में गन्ने की खेती का रकबा घटकर आधा रह गया है। लाल सड़न रोग की रोकथाम के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) की विश्वविद्यालय विमोचन समिति ने नई किस्म सीओएच 176 को मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार के पास भेजा है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस किस्म से प्रति एकड़ 550-600 क्विंटल पैदावार होगी। इसके अलावा उत्तर भारत के लिए सीओएच 179 को जारी करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है और सीओएच 188 किस्म को भी जल्द जारी करने की तैयारी है। ये तीनों किस्में लाल सड़न रोग से लड़ने में सक्षम हैं। इनके बीज अगले साल फरवरी में किसानों को उपलब्ध कराने की तैयारी है।

वर्तमान में 99000 हेक्टेयर में गन्ना बोया जाता है
हरियाणा गन्ना उत्पादन में देश में 8वें स्थान पर है। पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश में गन्ने का रकबा लाल सड़न रोग के कारण प्रभावित हो रहा है। कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 25 वर्ष पूर्व 1999 में प्रदेश में गन्ने का रकबा 2,01,000 हेक्टेयर था, जो वर्ष 2010 तक घटकर 74,000 हेक्टेयर रह गया। सत्र 2023-2024 में केवल 99000 हेक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हुई है।
किस्म और खासियत
किस्म सीओएच 176
फसल तैयार होने का समय 11-12 माह
पैदावार 550 – 600 क्विंटल प्रति एकड़
बिजाई के लिए क्षेत्र हरियाणा
चीनी प्रतिशतता 10 किलो प्रति क्विंटल
किस्म सीओएच 179
फसल तैयार होने का समय 11-12 माह
पैदवार 500-550 क्विंटल प्रति एकड़
बिजाई क्षेत्र हरियाणा ,पंजाब, यूपी, राजस्थान
चीनी प्रतिशतता 10 किलो प्रति क्विंटल
किस्म सीओएच 188
फसल तैयार होने का समय 8-9 माह
पैदावार 450-500 क्विंटल प्रति एकड़
बिजाई क्षेत्र हरियाणा
चीनी प्रतिशतता 10.5 से 11 किलो प्रति क्विंटल